लिप्यंतरण:( Fataqatta'ooo amrahum bainahum zuburaa; kullu hizbim bimaa ladaihim farihoon )
14. इन आयतों में कहा गया है कि सब रसूलों ने यही शिक्षा दी है कि स्वच्छ पवित्र चीज़ें खाओ और सत्कर्म करो। तुम्हारा पालनहार एक है और तुम सभी का धर्म एक है। परंतु लोगों ने धर्म में विभेद करके बहुत से संप्रदाय बना लिए, और अब प्रत्येक संप्रदाय अपने विश्वास तथा कर्म में मग्न है, भले ही वह सत्य से दूर हो।
The tafsir of Surah Al-Muminun verse 53 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muminun ayat 51 which provides the complete commentary from verse 51 through 56.
सूरा अल-मुमिनून आयत 53 तफ़सीर (टिप्पणी)