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कुरान मजीद-56:3 सुरा अल-वाक़िआ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

خَافِضَةٞ رَّافِعَةٌ

लिप्यंतरण:( Khafidatur raafi'ah )

नीचे करने वाली, ऊपर उठाने वाली।[1]

सूरा अल-वाक़िआ आयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

1. इससे अभिप्राय प्रलय है। जो सत्य के विरोधियों को नीचा करके नरक तक पहुँचाएगी। तथा आज्ञाकारियों को स्वर्ग के ऊँचे स्थान तक पहुँचाएगी। आरंभिक आयतों में प्रलय के होने की चर्चा, फिर उस दिन लोगों के तीन भागों में विभाजित होने का वर्णन किया गया है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Waqiah verse 3 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Waqiah ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 12.

सूरा अल-वाक़िआ सभी आयत (छंद)

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