लिप्यंतरण:( Alai sal laahu bi-ahkamil haakimeen )
अल्लाह द्वारा नियुक्त हुकूमत (Rulership Appointed by Allah): यह आयत यह स्पष्ट करती है कि जबकि अल्लाह सर्वोत्तम हुक्मरान हैं, उन्होंने अपने कुछ पाक दूतों को विभिन्न क्षेत्रों पर हुकूमत करने के लिए नियुक्त किया है। बाहरी स्तर पर किसी देश का एक राजा या हुक्मरान हो सकता है, लेकिन गहरे आध्यात्मिक स्तर पर, नबी और अवलिया लोगों के दिलों और दिमागों पर हुकूमत करते हैं। पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को शारीरिक और आकाशीय दोनों संसारों का हुक्मरान माना जाता है, जैसा कि आयत में "हुकमरान" के बहुवचन रूप से स्पष्ट होता है।
अल्लाह की अनूठी सर्वोत्तम हुकूमत (The Unique Sovereignty of Allah): अल्लाह की हुकूमत बेमिसाल और सर्वोच्च है। उनकी सत्ता शाश्वत है, और उनका राज्य सम्पूर्ण सृष्टि को घेरता है। कोई भी उनके शासन से बच नहीं सकता, यहां तक कि मृत्यु के बाद भी। अल्लाह की हुकूमत न्यायपूर्ण है, और उनके राज्य में कोई अन्यायपूर्ण निर्णय नहीं हो सकता। ये गुण उनके शासन को अनमोल बनाते हैं, क्योंकि कोई और हुक्मरान ऐसी शक्ति, स्थायित्व, या न्याय का मालिक नहीं हो सकता।
पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का सर्वोत्तम प्रतिबिंब (The Highest Reflection of Allah's Sovereignty): पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अल्लाह की सत्ता का सर्वोत्तम प्रतिबिंब हैं, क्योंकि वे पृथ्वी पर अल्लाह की हुकूमत और नेतृत्व का रूप हैं। इस विचार को गहरे से समझने के लिए, "सुलतानत-ए-मुस्तफ़ा" पुस्तक का संदर्भ लिया जा सकता है।
The tafsir of Surah Tin verse 8 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Tin ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 8.
सूरा आयत 8 तफ़सीर (टिप्पणी)