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कुरान मजीद-39:22 सुरा अज़-ज़ुमर हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

أَفَمَن شَرَحَ ٱللَّهُ صَدۡرَهُۥ لِلۡإِسۡلَٰمِ فَهُوَ عَلَىٰ نُورٖ مِّن رَّبِّهِۦۚ فَوَيۡلٞ لِّلۡقَٰسِيَةِ قُلُوبُهُم مِّن ذِكۡرِ ٱللَّهِۚ أُوْلَـٰٓئِكَ فِي ضَلَٰلٖ مُّبِينٍ

लिप्यंतरण:( Afaman sharahal laahu sadrahoo lil Islaami fahuwa 'alaa noorim mir Rabbih; fa wailul lilqaasiyati quloobuhum min zikril laah; ulaaa'ika fee dalaalim mubeen )

तो क्या वह व्यक्ति जिसका सीना अल्लाह ने इस्लाम के लिए खोल दिया है, तो वह अपने पालनहार की ओर से एक प्रकाश पर है (किसी कठोर हृदय काफ़िर के समान हो सकता है?) अतः उनके लिए विनाश है, जिनके दिल अल्लाह के स्मरण के प्रति कठोर हैं। ये लोग खुली गुमराही में हैं।

सूरा अज़-ज़ुमर आयत 22 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Az-Zumar verse 22 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Zumar ayat 21 which provides the complete commentary from verse 21 through 22.

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