Quran Quote  : 

कुरान मजीद-35:28 सुरा फ़ातिर हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَمِنَ ٱلنَّاسِ وَٱلدَّوَآبِّ وَٱلۡأَنۡعَٰمِ مُخۡتَلِفٌ أَلۡوَٰنُهُۥ كَذَٰلِكَۗ إِنَّمَا يَخۡشَى ٱللَّهَ مِنۡ عِبَادِهِ ٱلۡعُلَمَـٰٓؤُاْۗ إِنَّ ٱللَّهَ عَزِيزٌ غَفُورٌ

लिप्यंतरण:( Wa mina al-nāsi wa al-dawābbi wa al-anʿāmi mukhtalifun alwānuhū kadhālik; innamā yakhshā Allāha min ʿibādihī al-ʿulamāʾ; inna Allāha ʿAzīzun Ghafūr )

तथा इसी प्रकार मनुष्यों, जानवरों और चौपायों में से भी ऐसे हैं जिनके रंग विभिन्न हैं। वास्तविकता यह है कि अल्लाह से उसके वही बंदे डरते हैं, जो ज्ञानी[11] हैं। निःसंदेह अल्लाह अति प्रभुत्वशाली, बेहद क्षमाशील है।

सूरा फ़ातिर आयत 28 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

11. अर्थात अल्लाह की इन शक्तियों और उसकी परिपूर्ण कारीगरी को वही जान सकते हैं जो क़ुरआन एवं सुन्नत का ज्ञान रखने वाले हैं। और उन्हें जितना ही अल्लाह का ज्ञान होता है, उतना ही वे अल्लाह से डरते हैं। मानो जिनके दिल में अल्लाह का डर नहीं, समझ लो कि वे सही ज्ञान से वंचित हैं। (इब्ने कसीर)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Fatir verse 28 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Fatir ayat 27 which provides the complete commentary from verse 27 through 28.

सूरा फ़ातिर सभी आयत (छंद)

Sign up for Newsletter