Quran Quote  : 

कुरान मजीद-34:23 सुरा सबअ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَا تَنفَعُ ٱلشَّفَٰعَةُ عِندَهُۥٓ إِلَّا لِمَنۡ أَذِنَ لَهُۥۚ حَتَّىٰٓ إِذَا فُزِّعَ عَن قُلُوبِهِمۡ قَالُواْ مَاذَا قَالَ رَبُّكُمۡۖ قَالُواْ ٱلۡحَقَّۖ وَهُوَ ٱلۡعَلِيُّ ٱلۡكَبِيرُ

लिप्यंतरण:( Wa laa tanfa'ush shafaa'atu 'indahooo illaa liman azina lah; hattaaa izaa fuzzi'a 'an quloobihim qaaloo maazaa qaala Rabbukum; qaalul haqq, wa Huwal 'Aliyul Kabeer )

और उसके यहाँ केवल उस व्यक्ति की सिफ़ारिश लाभ देगी, जिसे अल्लाह अनुमति देगा।[22] यहाँ तक कि जब उनके दिलों से घबराहट दूर कर दी जाती है, तो वे (फ़रिश्ते) कहते हैं : तुम्हारे पालनहार ने क्या कहा? वे कहते हैं : सत्य (कहा) तथा वह सर्वोच्च, बहुत महान है।[23]

सूरा सबअ आयत 23 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

22. (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत : 255, तथा सूरतुल-अंबिया, आयत : 28) 23. अर्थात जब अल्लाह आकाशों में कोई निर्णय करता है तो फ़रिश्ते भय से काँपने और अपने पंखों को फड़फड़ाने लगते हैं। फिर जब उनकी घबराहट दूर हो जाती है, तो प्रश्न करते हैं कि तुम्हारे पालनहार ने क्या आदेश दिया है? तो वे कहते हैं कि उसने सत्य कहा है। और वह अति उच्च, बहुत महान है। (संक्षिप्त अनुवाद ह़दीस, सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4800)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Saba verse 23 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Saba ayat 22 which provides the complete commentary from verse 22 through 23.

सूरा सबअ सभी आयत (छंद)

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