Quran Quote  : 

कुरान मजीद-48:10 सुरा अल-फ़तह हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

إِنَّ ٱلَّذِينَ يُبَايِعُونَكَ إِنَّمَا يُبَايِعُونَ ٱللَّهَ يَدُ ٱللَّهِ فَوۡقَ أَيۡدِيهِمۡۚ فَمَن نَّكَثَ فَإِنَّمَا يَنكُثُ عَلَىٰ نَفۡسِهِۦۖ وَمَنۡ أَوۡفَىٰ بِمَا عَٰهَدَ عَلَيۡهُ ٱللَّهَ فَسَيُؤۡتِيهِ أَجۡرًا عَظِيمٗا

लिप्यंतरण:( Innal lazeena yubaayi'oonaka innamaa yubaayi'oonal laaha yadul laahi fawqa aydeehim; faman nakasa fainnamaa yankusu 'alaa nafsihee wa man awfaa bimaa 'aahada 'alaihullaaha fasa yu'teehi ajran 'azeemaa (section 1) )

निःसंदेह वे लोग, जो आपसे बैअत करते हैं, वे असल में अल्लाह से बैअत[4] करते हैं, अल्लाह का हाथ उनके हाथों के ऊपर है। फिर जिस किसी ने वचन तोड़ा, तो वह अपने आप ही पर वचन तोड़ता है। तथा जिसने, अल्लाह से जो वादा किया था, उसे पूरा किया, तो वह जल्द ही उसे बहुत बड़ा प्रतिफल देगा।

सूरा अल-फ़तह आयत 10 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

4. बै'अत का अर्थ है हाथ पर हाथ मार कर वचन देना। यह बैअत नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने युद्ध के लिए ह़ुदैबिया में अपने चौदह सौ साथियों से एक वृक्ष के नीचे ली थी। जो इस्लामी इतिहास में "बैअत रिज़वान" के नाम से प्रसिद्ध है। रही वह बै'अत जो पीर अपने मुरीदों से लेते हैं, तो उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Fath verse 10 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Fath ayat 8 which provides the complete commentary from verse 8 through 10.

सूरा अल-फ़तह सभी आयत (छंद)

Sign up for Newsletter