Quran Quote  : 

कुरान मजीद-48:24 सुरा अल-फ़तह हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَهُوَ ٱلَّذِي كَفَّ أَيۡدِيَهُمۡ عَنكُمۡ وَأَيۡدِيَكُمۡ عَنۡهُم بِبَطۡنِ مَكَّةَ مِنۢ بَعۡدِ أَنۡ أَظۡفَرَكُمۡ عَلَيۡهِمۡۚ وَكَانَ ٱللَّهُ بِمَا تَعۡمَلُونَ بَصِيرًا

लिप्यंतरण:( Wa Huwal lazee kaffa aydiyahum 'ankum wa aydiyakum 'anhum bibatni Makkata mim ba'di an azfarakum 'alaihim; wa kaanal laahu bimaa ta'maloona Baseera )

तथा वही है जिसने मक्का की वादी में उनके हाथों को तुमसे तथा तुम्हारे हाथों को उनसे रोक दिया[12], इसके बाद कि वह तुम्हें उनपर विजय दिला चुका था। और जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उसे हमेशा से खूब देखने वाला है।

सूरा अल-फ़तह आयत 24 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

12. जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ह़ुदैबिया में थे, तो काफ़िरों ने 80 सशस्त्र युवकों को भेजा कि वे आप तथा आपके साथियों के विरुद्ध कार्रवाई करके सब को समाप्त कर दें। परंतु वे सभी पकड़ लिए गए। और आपने सबको क्षमा कर दिया। तो यह आयत इसी अवसर पर उतरी। (सह़ीह़ मुस्लिम : 1808)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Fath verse 24 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Fath ayat 20 which provides the complete commentary from verse 20 through 24.

सूरा अल-फ़तह सभी आयत (छंद)

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