Quran Quote  : 

कुरान मजीद-57:8 सुरा अल-हदीद हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَمَا لَكُمۡ لَا تُؤۡمِنُونَ بِٱللَّهِ وَٱلرَّسُولُ يَدۡعُوكُمۡ لِتُؤۡمِنُواْ بِرَبِّكُمۡ وَقَدۡ أَخَذَ مِيثَٰقَكُمۡ إِن كُنتُم مُّؤۡمِنِينَ

लिप्यंतरण:( Wa maa lakum laa tu'minoona billaahi war Rasoolu yad'ookum li tu'minoo bi Rabbikum wa qad akhaza meesaaqakum in kuntum mu'mineen )

और तुम्हें क्या हो गया है कि अल्लाह पर ईमान नहीं लाते, जबकि रसूल[2] तुम्हें बुला रहा है कि अपने पालनहार पर ईमान लाओ, और निश्चय वह (अल्लाह) तुमसे दृढ़ वचन[3] ले चुका है, यदि तुम ईमान वाले हो।

सूरा अल-हदीद आयत 8 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

2. अर्थात मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)। 3. (देखिए : सूरतुल-आराफ़, आयत : 172)। इब्ने कसीर ने इससे अभिप्राय वह वचन लिया है जिसका वर्णन सूरतुल-माइदा, आयत : 7 में है। जो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के द्वारा सह़ाबा से लिया गया कि वे आपकी बातें सुनेंगे तथा सुख-दुःख में अनुपालन करेंगे। और प्रिय और अप्रिय में सच बोलेंगे। तथा किसी की निंदा से नहीं डरेंगे। (बुख़ारी : 7199, मुस्लिम :1709)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Hadid verse 8 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Hadid ayat 7 which provides the complete commentary from verse 7 through 11.

सूरा अल-हदीद सभी आयत (छंद)

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