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कुरान मजीद-45:2 सुरा अल-जासिया हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

تَنزِيلُ ٱلۡكِتَٰبِ مِنَ ٱللَّهِ ٱلۡعَزِيزِ ٱلۡحَكِيمِ

लिप्यंतरण:( Tanzeelul Kitaabi minal laahil 'Azeezil Hakeem )

इस पुस्तक[1] का अवतरण अल्लाह की ओर से है, जो सब पर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।

सूरा अल-जासिया आयत 2 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

1. इस सूरत में भी तौह़ीद तथा परलोक के संबंध में मुश्रिकों के संदेहा को दूर किया गया है तथा उनकी दुराग्रह की निंदा की गई है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Jathiya verse 2 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Jathiya ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 5.

सूरा अल-जासिया सभी आयत (छंद)

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