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कुरान मजीद-13:13 सुरा अर-रअद हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَيُسَبِّحُ ٱلرَّعۡدُ بِحَمۡدِهِۦ وَٱلۡمَلَـٰٓئِكَةُ مِنۡ خِيفَتِهِۦ وَيُرۡسِلُ ٱلصَّوَٰعِقَ فَيُصِيبُ بِهَا مَن يَشَآءُ وَهُمۡ يُجَٰدِلُونَ فِي ٱللَّهِ وَهُوَ شَدِيدُ ٱلۡمِحَالِ

लिप्यंतरण:( Wa yusabbihur ra'du bihamdihee walmalaaa'ikatu min kheefatihee wa yursilus sawaa'iqa fa yuseebu bihaa mai yashaaa'u wa hum yujaadiloona fil laahi wa Huwa shadeedul mihaal )

और बादल की गरज, अल्लाह की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का वर्णन करती है, और फ़रिश्ते भी उसके भय से (उसकी पवित्रता का गुणगान करते हैं)। और वह कड़कने वाली बिजलियाँ भेजता है, फिर उन्हें जिसपर चाहता है, गिरा देता है, जबकि वे अल्लाह के बारे में झगड़ रहे होते हैं, और वह बहुत शक्ति वाला है।[5]

सूरा अर-रअद आयत 13 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

5. अर्थात जैसे कोई प्यासा पानी की ओर हाथ फैलाकर प्रार्थना करे कि मेरे मुँह में आ जा, तो न पानी में सुनने की शक्ति है न उसके मुँह तक पहुँचने की। ऐसे ही काफ़िर, अल्लाह के सिवा जिनको पुकारते हैं, न उनमें सुनने की शक्ति है और न वे उनकी सहायता करने का सामर्थ्य रखते हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ar-Ra’d verse 13 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Rad ayat 12 which provides the complete commentary from verse 12 through 13.

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