Quran Quote  : 

कुरान मजीद-88:20 सुरा अल-ग़ाशिया हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَإِلَى ٱلۡأَرۡضِ كَيۡفَ سُطِحَتۡ

लिप्यंतरण:( Wa ilal ardi kaifa sutihat )

तथा धरती को (नहीं देखते) कि कैसे बिछाई गई है?[3]

सूरा अल-ग़ाशिया आयत 20 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

3. (17-20) इन आयतों में फिर विषय बदल कर एक प्रश्न किया जा रहा है कि जो क़ुरआन की शिक्षा तथा परलोक की सूचना को नहीं मानते, अपने सामने उन चीज़ों को नहीं देखते जो रात दिन उनके सामने आती रहती हैं, ऊँटों तथा पर्वतों और आकाश एवं धरती पर विचार क्यों नहीं करते कि क्या ये सब अपने आप पैदा हो गए हैं या इनका कोई रचयिता है? यह तो असंभव है कि रचना हो और रचयिता न हो। यदि मानते हैं कि किसी शक्ति ने इनको बनाया है जिसका कोई साझी नहीं तो उसके अकेले पूज्य होने और उसके फिर से पैदा करने की शक्ति और सामर्थ्य का क्यों इनकार करते हैं? (तर्जुमानुल क़ुरआन)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ghashiyah 20 verse by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ghashiyah ayat 17 which provides the complete commentary from verse 17 through 26.

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