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कुरान मजीद-43:13 सुरा अज़-ज़ुख़रुफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

لِتَسۡتَوُۥاْ عَلَىٰ ظُهُورِهِۦ ثُمَّ تَذۡكُرُواْ نِعۡمَةَ رَبِّكُمۡ إِذَا ٱسۡتَوَيۡتُمۡ عَلَيۡهِ وَتَقُولُواْ سُبۡحَٰنَ ٱلَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُۥ مُقۡرِنِينَ

लिप्यंतरण:( Litastawoo 'alaa zuhoorihee summa tazkuroo ni'mata Rabbikum izastawaitum 'alaihi wa taqooloo Subhaanal lazee sakhkhara lana haaza wa maa kunnaa lahoo muqrineen )

ताकि तुम उनकी पीठों पर जमकर बैठो, फिर अपने पालनहार की नेमत को याद करो जब उनपर जमकर बैठ जाओ और कहो : पवित्र है वह अल्लाह, जिसने इसे हमारे वश में कर दिया। हालाँकि हम इसे वश में करने वाले नहीं थे।

सूरा अज़-ज़ुख़रुफ़ आयत 13 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

4. आदरणीय अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) कहते हैं कि जब नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ऊँट पर सवार होते, तो तीन बार 'अल्लाहु अक्बर' कहते, फिर यही आयत "मुन्क़लिबून" तक पढ़ते। और कुछ और प्रार्थना के शब्द कहते थे जो दुआओं की पुस्तकों में मिलेंगे। (सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीस संख्या : 1342)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Zukhruf verse 13 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Zukhruf ayat 9 which provides the complete commentary from verse 9 through 14.

सूरा अज़-ज़ुख़रुफ़ सभी आयत (छंद)

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