Quran Quote  : 

कुरान मजीद-11:51 सुरा हूद हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

يَٰقَوۡمِ لَآ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَيۡهِ أَجۡرًاۖ إِنۡ أَجۡرِيَ إِلَّا عَلَى ٱلَّذِي فَطَرَنِيٓۚ أَفَلَا تَعۡقِلُونَ

लिप्यंतरण:( Yaa qawmi laaa as'alukum 'alaihi ajran in ajriya illaa 'alal lazee fataranee; afalaa ta'qiloon )

ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं तुमसे इस (उपदेश) पर कोई बदला नहीं चाहता; मेरा पारिश्रमिक (बदला) उसी (अल्लाह) पर है, जिसने मुझे पैदा किया है। तो क्या तुम (इसे) नहीं समझते?[15]

सूरा हूद आयत 51 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

15. अर्थात यदि तुम समझ रखते, तो अवश्य सोचते कि एक व्यक्ति अपने किसी सांसारिक स्वार्थ के बिना क्यों हमें रात-दिन उपदेश दे रहा है और सारे दुःख झेल रहा है? उसके पास कोई ऐसी बात अवश्य होगी जिसके लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहा है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Hud verse 51 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Hud ayat 50 which provides the complete commentary from verse 50 through 52.

सूरा हूद सभी आयत (छंद)

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