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कुरान मजीद-46:12 सुरा अल-अहक़ाफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَمِن قَبۡلِهِۦ كِتَٰبُ مُوسَىٰٓ إِمَامٗا وَرَحۡمَةٗۚ وَهَٰذَا كِتَٰبٞ مُّصَدِّقٞ لِّسَانًا عَرَبِيّٗا لِّيُنذِرَ ٱلَّذِينَ ظَلَمُواْ وَبُشۡرَىٰ لِلۡمُحۡسِنِينَ

लिप्यंतरण:( Wa min qablihee kitaabu Moosaaa imaamanw-wa rahmah; wa haazaa Kitaabum musad diqul lisaanan 'Arabiyyal liyunziral lazeena zalamoo wa bushraa lilmuhsineen )

तथा इससे पूर्व मूसा की पुस्तक पेशवा और दया थी। और यह एक पुष्टि करने वाली[9] किताब (क़ुरआन) अरबी[10] भाषा में है, ताकि उन लोगों को डराए जिन्होंने अत्याचार किया और नेकी करने वालों के लिए शुभ-सूचना हो।

सूरा अल-अहक़ाफ़ आयत 12 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

9. अपने पूर्व की आकाशीय पुस्तकों की। 10. अर्थात इसकी कोई मूल शिक्षा ऐसी नहीं जो मूसा की पुस्तक में न हो। किंतु यह अरबी भाषा में है। इसलिए कि इससे प्रथम संबोधित अरब लोग थे, फिर सारे लोग। इसलिए क़ुरआन का अनुवाद प्राचीन काल ही से दूसरी भाषाओं में किया जा रहा है। ताकि जो अरबी नहीं समझते, वे भी उससे शिक्षा ग्रहण करें।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ahqaf verse 12 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ahqaf ayat 10 which provides the complete commentary from verse 10 through 14.

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