Quran Quote  : 

कुरान मजीद-46:8 सुरा अल-अहक़ाफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

أَمۡ يَقُولُونَ ٱفۡتَرَىٰهُۖ قُلۡ إِنِ ٱفۡتَرَيۡتُهُۥ فَلَا تَمۡلِكُونَ لِي مِنَ ٱللَّهِ شَيۡـًٔاۖ هُوَ أَعۡلَمُ بِمَا تُفِيضُونَ فِيهِۚ كَفَىٰ بِهِۦ شَهِيدَۢا بَيۡنِي وَبَيۡنَكُمۡۖ وَهُوَ ٱلۡغَفُورُ ٱلرَّحِيمُ

लिप्यंतरण:( Am yaqooloonaf taraahu qul inif taraituhoo falaa tamlikoona lee minal laahi shai'an Huwa a'lamu bimaa tufeedoona feehi kafaa bihee shaheedam bainee wa bainakum wa Huwal Ghafoorur Raheem )

या वे कहते हैं कि उसने इसे[4] स्वयं गढ़ लिया है? आप कह दें : यदि मैंने इसे स्वयं गढ़ लिया है, तो तुम मेरे लिए अल्लाह के विरुद्ध किसी चीज़ का अधिकार नहीं रखते।[4] वह उन बातों को अधिक जानने वाला है जिनमें तुम व्यस्त होते हो। वह मेरे और तुम्हारे बीच गवाह के रूप में काफ़ी है, और वही बड़ा क्षमाशील, अत्यंत दयावान है।

सूरा अल-अहक़ाफ़ आयत 8 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

4. अर्थात क़ुरआन को। 4. अर्थात अल्लाह की यातना से मेरी कोई रक्षा नहीं कर सकता। (देखिए : सूरतुल अह़्क़ाफ़, आयत : 44, 47)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ahqaf verse 8 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ahqaf ayat 7 which provides the complete commentary from verse 7 through 9.

सूरा अल-अहक़ाफ़ सभी आयत (छंद)

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