Quran Quote  : 

कुरान मजीद-46:9 सुरा अल-अहक़ाफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

قُلۡ مَا كُنتُ بِدۡعٗا مِّنَ ٱلرُّسُلِ وَمَآ أَدۡرِي مَا يُفۡعَلُ بِي وَلَا بِكُمۡۖ إِنۡ أَتَّبِعُ إِلَّا مَا يُوحَىٰٓ إِلَيَّ وَمَآ أَنَا۠ إِلَّا نَذِيرٞ مُّبِينٞ

लिप्यंतरण:( Qul maa kuntu bid'am minal Rusuli wa maaa adreee ma yuf'alu bee wa laa bikum in attabi'u illaa maa yoohaaa ilaiya wa maaa ana illaa nazeerum mubeen )

आप कह दें कि मैं रसूलों में से कोई अनोखा (रसूल) नहीं हूँ और न मैं यह जानता हूँ कि मेरे साथ क्या किया जाएगा[6] और न (यह कि) तुम्हारे साथ क्या (किया जाएगा)। मैं तो केवल उसी का अनुसरण करता हूँ जो मेरी ओर वह़्य (प्रकाशना) की जाती है और मैं तो केवल खुला डराने वाला हूँ।

सूरा अल-अहक़ाफ़ आयत 9 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

6. अर्थात संसार में। अन्यथा यह निश्चित है कि परलोक में ईमान वाले के लिए स्वर्ग तथा काफ़िर के लिए नरक है। किंतु किसी निश्चित व्यक्ति के परिणाम का ज्ञान किसी को नहीं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ahqaf verse 9 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ahqaf ayat 7 which provides the complete commentary from verse 7 through 9.

सूरा अल-अहक़ाफ़ सभी आयत (छंद)

Sign up for Newsletter