Quran Quote  : 

कुरान मजीद-47:19 सुरा मुहम्मद हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

فَٱعۡلَمۡ أَنَّهُۥ لَآ إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّهُ وَٱسۡتَغۡفِرۡ لِذَنۢبِكَ وَلِلۡمُؤۡمِنِينَ وَٱلۡمُؤۡمِنَٰتِۗ وَٱللَّهُ يَعۡلَمُ مُتَقَلَّبَكُمۡ وَمَثۡوَىٰكُمۡ

लिप्यंतरण:( Fa'lam annahoo laaa ilaaha illal laahu wastaghfir lizambika wa lilmu'mineena walmu'minaat; wallaahu ya'lamu mutaqallabakum wa maswaakum (section 2) )

अतः जान लें कि निःसंदेह तथ्य यह है कि अल्लाह के सिवा कोई पूज्य नहीं, तथा अपने पापों के लिए क्षमा[7] माँगें और ईमान वाले पुरुषों और ईमान वाली स्त्रियों के लिए भी, और अल्लाह तुम्हारे चलने-फिरने और तुम्हारे ठहरने को जानता है।

सूरा मुहम्मद आयत 19 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

7. आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया : मैं दिन में सत्तर बार से अधिक अल्लाह से क्षमा माँगता तथा तौबा करता हूँ। (बुख़ारी : 6307) और फरमाया : लोगो! अल्लाह से क्षमा माँगो। मैं दिन में सौ बार क्षमा माँगता हूँ। (सह़ीह़ मुस्लिम : 2702)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Muhammad verse 19 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muhammad ayat 16 which provides the complete commentary from verse 16 through 19.

सूरा मुहम्मद सभी आयत (छंद)

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