Quran Quote  : 

कुरान मजीद-47:37 सुरा मुहम्मद हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

إِن يَسۡـَٔلۡكُمُوهَا فَيُحۡفِكُمۡ تَبۡخَلُواْ وَيُخۡرِجۡ أَضۡغَٰنَكُمۡ

लिप्यंतरण:( Iny yas'alkumoohaa fa yuhfikum tabkhaloo wa yukhrij adghaanakum )

यदि वह तुमसे उनकी माँग करे और तुमपर ज़ोर देकर माँगे, तो तुम कंजूसी करोगे और वह तुम्हारे द्वेष को प्रकट कर देगा।[14]

सूरा मुहम्मद आयत 37 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

14. अर्थात तुम्हारा पूरा धन माँगे, तो यह स्वाभाविक है कि तुम कंजूसी करके दोषी बन जाओगे। इसलिए इस्लाम ने केवल ज़कात अनिवार्य की है। जो कुल धन का ढाई प्रतिशत है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Muhammad verse 37 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muhammad ayat 36 which provides the complete commentary from verse 36 through 38.

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