Quran Quote  : 

कुरान मजीद-47:35 सुरा मुहम्मद हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

فَلَا تَهِنُواْ وَتَدۡعُوٓاْ إِلَى ٱلسَّلۡمِ وَأَنتُمُ ٱلۡأَعۡلَوۡنَ وَٱللَّهُ مَعَكُمۡ وَلَن يَتِرَكُمۡ أَعۡمَٰلَكُمۡ

लिप्यंतरण:( Falaa tahinoo wa tad'ooo ilas salmi wa antumul a'lawna wallaahu ma'akum wa lany yatirakum a'maalakum )

अतः निर्बल न बनो और न सुलह[13] के लिए बुलाओ और तुम ही सर्वोच्च हो और अल्लाह तुम्हारे साथ है और वह कभी भी तुम्हारे कामों को तुमसे कम न करेगा।

सूरा मुहम्मद आयत 35 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

13. आयत का अर्थ यह नहीं कि इस्लाम संधि का विरोधी है। इसका अर्थ यह है कि ऐसी दशा में शत्रु से संधि न करो कि वह तुम्हें निर्बल समझने लगे। बल्कि अपनी शक्ति का लोहा मनवाने के पश्चात संधि करो। ताकि वह तुम्हें निर्बल समझ कर जैसे चाहें संधि के लिये बाध्य न कर लें।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Muhammad verse 35 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Muhammad ayat 32 which provides the complete commentary from verse 32 through 35.

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