Quran Quote  : 

कुरान मजीद-42:43 सुरा अश-शूरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَمَن صَبَرَ وَغَفَرَ إِنَّ ذَٰلِكَ لَمِنۡ عَزۡمِ ٱلۡأُمُورِ

लिप्यंतरण:( Wa laman sabara wa ghafara inna zaalika lamin 'azmil umoor (section 4) )

और निःसंदेह जो सब्र करे तथा क्षमा कर दे, तो निःसदंहे यह निश्चय बड़े साहस के कामों में से है।[31]

सूरा अश-शूरा आयत 43 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

31. इस आयत में क्षमा करने की प्रेरणा दी गई है कि यदि कोई अत्याचार कर दे, तो उसे सहन करना और क्षमा कर देना और सामर्थ्य रखते हुए उससे बदला न लेना बड़ी सुशीलता तथा साहस की बात है जिसकी बड़ी प्रधानता है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Shura verse 43 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Shura ayat 40 which provides the complete commentary from verse 40 through 43.

सूरा अश-शूरा सभी आयत (छंद)

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