Quran Quote  : 

कुरान मजीद-83:13 सुरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

إِذَا تُتۡلَىٰ عَلَيۡهِ ءَايَٰتُنَا قَالَ أَسَٰطِيرُ ٱلۡأَوَّلِينَ

लिप्यंतरण:( Izaa tutlaa'alaihi aayaatunaa qaala asaateerul awwaleen )

13. जब हमारी आयतें उसे पढ़कर सुनाई जाती हैं, तो वह कहता है, "ये तो अगले लोगों की कहानियाँ हैं"[10]।

सूरा आयत 13 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

अल्लाह की आयतों का इनकार (Rejecting the Verses of Allah) – आयत 83:13 की तफ़सीर (Commentary of Verse 83:13)

\"जब हमारी आयतें उनके सामने पढ़ी जाती हैं, तो वे कहते हैं: \'ये तो बस अगले लोगों की कहानियाँ हैं।\'\"

🔹 काफ़िरों का तकब्बुर (The Arrogance of Disbelievers)

🔸 इस आयत में उन इंकार करने वालों के रवैये को बयान किया गया है जो क़ुरआन का मज़ाक उड़ाते और इसे पुराने क़िस्से-कहानियों से तश्बीह देते हैं।

 🔹 इस इनकार की वजह से क़ुरआन उनके दिलों पर असर नहीं करता।

 🔹 सच्चा ईमान लाने के लिए क़ुरआन पर परियों की कहानियों या आम किताबों की तरह नहीं, बल्कि पूरी ईमानदारी और यक़ीन के साथ विश्वास करना ज़रूरी है।

 🔹 क़ुरआन की आयतें कानों से सुनी जाती हैं, लेकिन उसकी हक़ीक़त और रहमत को सिर्फ़ ईमान की रोशनी से ही समझा जा सकता है।

🔸 जो लोग क़ुरआन को महज़ कहानियाँ समझते हैं, वे इसकी हिकमत (दिव्य ज्ञान) को नहीं समझ पाते और हमेशा हिदायत से महरूम रहते हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Mutaffifin verse 13 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Mutaffifin ayat 7 which provides the complete commentary from verse 7 through 17.

सूरा सभी आयत (छंद)

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