लिप्यंतरण:( Yusqawna mir raheeqim makhtoom )
\"उन्हें पाक मोहर लगी हुई शराब पिलाई जाएगी।\"
🔹 यह पाक और मोहर लगी शराब दुनिया की किसी भी शराब से अलग होगी और बेइंतिहा पाकीज़ा होगी।
🔹 यह जन्नत के एक ख़ास नहर से बहती होगी, जो सिर्फ़ नेक लोगों के लिए मुक़र्रर की गई है।
🔹 यह उन लोगों के लिए इनाम होगा, जिन्होंने दुनिया में हराम शराब से परहेज़ किया और अल्लाह के हुक्म की पाबंदी की।
🔹 यह सिर्फ़ जिस्मानी लुत्फ़ के लिए नहीं, बल्कि रूहानी सुकून का भी ज़रिया होगी।
🔹 यह उन ख़ास बंदों के लिए होगी, जो दुनिया में अल्लाह और नबी ﷺ की मुहब्बत में डूबे रहे और इसी इश्क़ में \'मतवाले\' रहे।
🔹 जो सच्चे आशिक़-ए-इलाही दुनिया में इस रूहानी ‘शराब’ को अपने इख़लास और इमान से चख चुके, उन्हें यह जन्नत में भी अता की जाएगी।
🔹 इस आयत से मालूम होता है कि जन्नत की नेमतें सिर्फ़ जिस्मानी नहीं होंगी, बल्कि यह ईमान, इख़लास और बंदगी की रूहानी लज़्ज़त का इनाम भी होंगी।
The tafsir of Surah Mutaffifin verse 25 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Mutaffifin ayat 18 which provides the complete commentary from verse 18 through 28.

सूरा आयत 25 तफ़सीर (टिप्पणी)