लिप्यंतरण:( Alaa yazunnu ulaaa'ika annahum mab'oosoon )
\"क्या वे यह गुमान नहीं करते कि उन्हें उठाया जाएगा?\"
यह आयत नाप-तौल में धोखा देने वालों के लिए एक सख़्त चेतावनी है, जो उन्हें क़यामत के दिन की याद दिलाती है, जब उन्हें अपने कर्मों का हिसाब देना होगा।
तौल में धोखाधड़ी कई तरीकों से की जाती है:
यह आयत हर तरह की धोखाधड़ी को शामिल करती है और लोगों को आगाह करती है कि वे अल्लाह के सामने उठाए जाएंगे और उसके इंसाफ़ से बच नहीं सकते।
The tafsir of Surah Mutaffifin verse 4 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Mutaffifin ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 6.

सूरा आयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)