Quran Quote  : 

कुरान मजीद-4:129 सुरा अन-निसा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَن تَسۡتَطِيعُوٓاْ أَن تَعۡدِلُواْ بَيۡنَ ٱلنِّسَآءِ وَلَوۡ حَرَصۡتُمۡۖ فَلَا تَمِيلُواْ كُلَّ ٱلۡمَيۡلِ فَتَذَرُوهَا كَٱلۡمُعَلَّقَةِۚ وَإِن تُصۡلِحُواْ وَتَتَّقُواْ فَإِنَّ ٱللَّهَ كَانَ غَفُورٗا رَّحِيمٗا

लिप्यंतरण:( Wa lan tastatee'ooo an ta'diloo bainan nisaaa'i wa law harastum falaa tameeloo kullal maili fatazaroohaa kalmu'al laqah; wa in tuslihoo wa tattaqoo fa innal laaha kaana Ghafoorar Raheema )

और तुम पत्नियों के बीच पूर्ण न्याय कदापि नहीं कर[83] सकते, चाहे तुम इसके कितने ही इच्छुक हो। अतः (अवांछित पत्नी से) पूरी तरह विमुख[84] न हो जाओ कि उसे अधर में लटकी हुई छोड़ दो। और यदि तुम आपस में सामंजस्य[85] बना लो और (अल्लाह से) डरते रहो, तो निःसंदेह अल्लाह क्षमा करने वाला, अत्यंत दयावान है।

सूरा अन-निसा आयत 129 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

83. क्योंकि यह स्वभाविक है कि मन का आकर्षण किसी एक की ओर होगा। 84. अर्थात जिसमें उसके पति की रूचि न हो, और न व्यवहारिक रूप से बिना पति के हो। 85. अर्थात सब के साथ व्यवहार तथा सहवास संबंध में बराबरी करो।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Nisa verse 129 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Nisa ayat 128 which provides the complete commentary from verse 128 through 130.

Sign up for Newsletter