Quran Quote  : 

कुरान मजीद-4:78 सुरा अन-निसा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

أَيۡنَمَا تَكُونُواْ يُدۡرِككُّمُ ٱلۡمَوۡتُ وَلَوۡ كُنتُمۡ فِي بُرُوجٖ مُّشَيَّدَةٖۗ وَإِن تُصِبۡهُمۡ حَسَنَةٞ يَقُولُواْ هَٰذِهِۦ مِنۡ عِندِ ٱللَّهِۖ وَإِن تُصِبۡهُمۡ سَيِّئَةٞ يَقُولُواْ هَٰذِهِۦ مِنۡ عِندِكَۚ قُلۡ كُلّٞ مِّنۡ عِندِ ٱللَّهِۖ فَمَالِ هَـٰٓؤُلَآءِ ٱلۡقَوۡمِ لَا يَكَادُونَ يَفۡقَهُونَ حَدِيثٗا

लिप्यंतरण:( Ayna maa takoonoo yudrikkumul mawtu wa law kuntum fee buroojim mushai yadah; wa in tusibhum hasanatuny yaqooloo haazihee min indil laahi wa in tusibhum saiyi'atuny yaqooloo haazihee min 'indik; qul kullum min 'indillaahi famaa lihaaa 'ulaaa'il qawmi laa yakaadoona yafqahoona hadeesaa )

तुम जहाँ भी रहो, तुम्हें मौत आ पकड़ेगी, यद्यपि मज़बूत दुर्गों में क्यों न रहो। तथा उन्हें यदि कोई भलाई पहुँचती है, तो कहते हैं कि यह अल्लाह की ओर से है और यदि कोई बुराई पहुँचती है, तो कहते हैं कि यह आपके कारण है। (ऐ नबी!) उनसे कह दें कि सब अल्लाह की ओर से है। इन लोगों को क्या हो गया है कि कोई बात समझने के क़रीब ही नहीं[53] आते?!

सूरा अन-निसा आयत 78 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

53. भावार्थ यह है कि जब मुसलमानों को कोई हानि हो जाती, तो मुनाफ़िक़ तथा यहूदी कहते : यह सब नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कारण हुआ। क़ुरआन कहता है कि सब कुछ अल्लाह की ओर से होता है। अर्थात उसने प्रत्येक दशा तथा परिणाम के लिए कुछ नियम बना दिए हैं। और जो कुछ भी होता है, वह उन्हीं दशाओं का परिणाम होता है। अतः तुम्हारी ये बातें जो कह रहे हो, बड़ी अज्ञानता की बातें हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Nisa verse 78 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Nisa ayat 77 which provides the complete commentary from verse 77 through 79.

Sign up for Newsletter