कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلذَّـٰرِيَٰتِ ذَرۡوٗا

क़सम है उन (हवाओं) की जो (धूल आदि) उड़ाने वाली हैं!

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 1

فَٱلۡحَٰمِلَٰتِ وِقۡرٗا

फिर पानी का बड़ा भारी बोझ उठाने वाले बादलों की!

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 2

فَٱلۡجَٰرِيَٰتِ يُسۡرٗا

फिर आसानी से चलने वाली नावों की!

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 3

فَٱلۡمُقَسِّمَٰتِ أَمۡرًا

फिर (अल्लाह का) आदेश बाँटने वाले (फ़रिश्तों की)!

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 4

إِنَّمَا تُوعَدُونَ لَصَادِقٞ

निःसंदेह जो तुमसे वादा किया जाता है, निश्चय वह सत्य है।[1]

तफ़्सीर:

1. इन आयतों में हवाओं की शपथ ली गई है कि हवा (वायु) तथा वर्षा की यह व्यवस्था गवाह है कि प्रलय तथा परलोक का वचन सत्य तथा न्याय का होना आवश्यक है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 5

وَإِنَّ ٱلدِّينَ لَوَٰقِعٞ

तथा निःसंदेह हिसाब अनिवार्य रूप से घटित होने वाला है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 6

وَٱلسَّمَآءِ ذَاتِ ٱلۡحُبُكِ

क़सम है रास्तों वाले आकाश की!

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 7

إِنَّكُمۡ لَفِي قَوۡلٖ مُّخۡتَلِفٖ

निःसंदेह तुम निश्चय एक विवादास्पद बात[2] में पड़े हो।

तफ़्सीर:

2. अर्थात क़ुरआन तथा प्रलय के विषय में विभिन्न बातें कर रहे हैं।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 8

يُؤۡفَكُ عَنۡهُ مَنۡ أُفِكَ

उससे वही फेरा जाता है, जो (अल्लाह के ज्ञान में) फेर दिया गया है।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 9

قُتِلَ ٱلۡخَرَّـٰصُونَ

अटकल लगाने वाले मारे गए।

सूरह का नाम : Adh-Dhariyat   सूरह नंबर : 51   आयत नंबर: 10

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