कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِذَا ٱلسَّمَآءُ ٱنشَقَّتۡ

जब आकाश फट जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 1

وَأَذِنَتۡ لِرَبِّهَا وَحُقَّتۡ

और अपने पालनहार के आदेश पर कान लगाएगा और यही उसके योग्य है।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 2

وَإِذَا ٱلۡأَرۡضُ مُدَّتۡ

तथा जब धरती फैला दी जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 3

وَأَلۡقَتۡ مَا فِيهَا وَتَخَلَّتۡ

और जो कुछ उसके भीतर है, उसे निकाल बाहर फेंक देगी और खाली हो जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 4

وَأَذِنَتۡ لِرَبِّهَا وَحُقَّتۡ

और अपने पालनहार के आदेश पर कान लगाएगी और यही उसके योग्य है।[1]

तफ़्सीर:

1. (1-5) इन आयतों में प्रलय के समय आकाश एवं धरती में जो हलचल होगी उसका चित्रण करते हुए यह बताया गया है कि इस ब्रह्मांड के विधाता के आज्ञानुसार ये आकाश और धरती कार्यरत हैं और प्रलय के समय भी उसी की आज्ञा का पालन करेंगे। धरती को फैलाने का अर्थ यह है कि पर्वत आदि खंड-खंड होकर समस्त भूमि चौरस कर दी जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 5

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلۡإِنسَٰنُ إِنَّكَ كَادِحٌ إِلَىٰ رَبِّكَ كَدۡحٗا فَمُلَٰقِيهِ

ऐ इनसान! निःसंदेह तू कठिन परिश्रम करते-करते अपने पालनहार की ओर जाने वाला है, फिर तू उससे मिलने वाला है।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 6

فَأَمَّا مَنۡ أُوتِيَ كِتَٰبَهُۥ بِيَمِينِهِۦ

फिर जिस व्यक्ति को उसका कर्मपत्र उसके दाहिने हाथ में दिया गया।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 7

فَسَوۡفَ يُحَاسَبُ حِسَابٗا يَسِيرٗا

तो उसका आसान हिसाब लिया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 8

وَيَنقَلِبُ إِلَىٰٓ أَهۡلِهِۦ مَسۡرُورٗا

तथा वह अपने लोगों की ओर ख़ुश-ख़ुश लौटेगा।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 9

وَأَمَّا مَنۡ أُوتِيَ كِتَٰبَهُۥ وَرَآءَ ظَهۡرِهِۦ

और लेकिन जिसे उसका कर्मपत्र उसकी पीठ के पीछे दिया गया।

सूरह का नाम : Al-Inshiqaq   सूरह नंबर : 84   आयत नंबर: 10

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