कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِذَا زُلۡزِلَتِ ٱلۡأَرۡضُ زِلۡزَالَهَا

जब धरती को पूरी तरह झंझोड़ दिया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 1

وَأَخۡرَجَتِ ٱلۡأَرۡضُ أَثۡقَالَهَا

तथा धरती अपने बोझ बाहर निकाल देगी।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 2

وَقَالَ ٱلۡإِنسَٰنُ مَا لَهَا

और इनसान कहेगा कि इसे क्या हो गया?

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 3

يَوۡمَئِذٖ تُحَدِّثُ أَخۡبَارَهَا

उस दिन वह अपनी खबरें बयान करेगी।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 4

بِأَنَّ رَبَّكَ أَوۡحَىٰ لَهَا

क्योंकि तेरे पालनहार ने उसे इसका आदेश दिया होगा।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 5

يَوۡمَئِذٖ يَصۡدُرُ ٱلنَّاسُ أَشۡتَاتٗا لِّيُرَوۡاْ أَعۡمَٰلَهُمۡ

उस दिन लोग अलग-अलग होकर लौटेंगे, ताकि उन्हें उनके कर्म दिखाए जाएँ।[1]

तफ़्सीर:

1. (1-6) इन आयतों में बताया गया है कि जब प्रलय (क़ियामत) का भूकंप आएगा, तो धरती के भीतर जो कुछ भी है, सब उगल कर बाहर फेंक देगी। यह सब कुछ ऐसे होगा कि जीवित होने के पश्चात् सभी को आश्चर्य होगा कि यह क्या हो रहा है? उस दिन यह निर्जीव धरती प्रत्येक व्यक्ति के कर्मों की गवाही देगी कि किसने क्या-क्या कर्म किए हैं। यद्पि अल्लाह सबके कर्मों को जानता है, फिर भी उसका निर्णय गवाहियों से प्रमाणित करके होगा।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 6

فَمَن يَعۡمَلۡ مِثۡقَالَ ذَرَّةٍ خَيۡرٗا يَرَهُۥ

तो जिसने एक कण के बराबर भी नेकी की होगी, उसे देख लेगा।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 7

وَمَن يَعۡمَلۡ مِثۡقَالَ ذَرَّةٖ شَرّٗا يَرَهُۥ

और जिसने एक कण के बराबर भी बुराई की होगी, उसे देख लेगा।[2]

तफ़्सीर:

2. (7-8) इन आयतों का अर्थ यह है कि प्रत्येक व्यक्ति अकेला आएगा, परिवार और साथी सब बिखर जाएँगे। दूसरा अर्थ यह भी हो सकता है कि इस संसार में जो किसी भी युग में मरे थे सभी दलों में चले आ रहे होंगे, और सबको अपने किए हुए कर्म दिखाए जाएँगे। और कर्मानुसार पुण्य और पाप का बदला दिया जाएगा। और किसी का पुणय और पाप छिपा नहीं रहेगा।

सूरह का नाम : Al-Zalzalah   सूरह नंबर : 99   आयत नंबर: 8

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