कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلنَّـٰزِعَٰتِ غَرۡقٗا

क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो डूबकर सख़्ती से (प्राण) खींचने वाले हैं!

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 1

وَٱلنَّـٰشِطَٰتِ نَشۡطٗا

और क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो आसानी से (प्राण) निकालने वाले हैं!

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 2

وَٱلسَّـٰبِحَٰتِ سَبۡحٗا

और क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो तेज़ी से तैरने वाले हैं!

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 3

فَٱلسَّـٰبِقَٰتِ سَبۡقٗا

फिर क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो दौड़कर आगे बढ़ने वाले हैं!

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 4

فَٱلۡمُدَبِّرَٰتِ أَمۡرٗا

फिर क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो आदेश को क्रियान्वित करने वाले हैं![1]

तफ़्सीर:

1. (1-5) यहाँ से बताया गया है कि प्रलय का आरंभ भारी भूकंप से होगा और दूसरे ही क्षण सब जीवित होकर धरती के ऊपर होंगे।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 5

يَوۡمَ تَرۡجُفُ ٱلرَّاجِفَةُ

जिस दिन काँपने वाली (अर्थात् धरती) काँप उठेगी।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 6

تَتۡبَعُهَا ٱلرَّادِفَةُ

उसके पीछे आएगी पीछे आने वाली।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 7

قُلُوبٞ يَوۡمَئِذٖ وَاجِفَةٌ

उस दिन कई दिल धड़कने वाले होंगे।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 8

أَبۡصَٰرُهَا خَٰشِعَةٞ

उनकी आँखें झुकी हुई होंगी।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 9

يَقُولُونَ أَءِنَّا لَمَرۡدُودُونَ فِي ٱلۡحَافِرَةِ

वे कहते हैं : क्या हम निश्चय पहली स्थिति में लौटाए जाने वाले हैं?

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 10

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