कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلۡمُدَّثِّرُ

ऐ कपड़े में लिपटने वाले![1]

तफ़्सीर:

1. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर प्रथम वह़्य के पश्चात् कुछ दिनों तक वह़्य नहीं आई। फिर एक बार आप जा रहे थे कि आकाश से एक आवाज़ सुनी। ऊपर देखा, तो वही फ़रिश्ता जो आपके पास 'ह़िरा' नामी गुफ़ा में आया था आकाश तथा धरती के बीच एक कुर्सी पर विराजमान था। जिससे आप डर गए और धरती पर गिर गए। फिर घर आए और अपनी पत्नी से कहा : मुझे चादर ओढ़ा दो, मुझे चादर ओढ़ा दो। उन्होंने चादर ओढ़ा दी। और अल्लाह ने यह सूरत उतारी। फिर निरंतर वह़्य आने लगी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4925, 4926, सह़ीह़ मुस्लिम : 161) प्रथम वह़्य से आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को नबी बनाया गया। और अब आपपर धर्म के प्रचार का भार रख दिया गया। इन आयतों में आपके माध्यम से मुसलमानों को पवित्र रहने के निर्देश दिए गए हैं।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 1

قُمۡ فَأَنذِرۡ

खड़े हो जाओ, फिर सावधान करो।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 2

وَرَبَّكَ فَكَبِّرۡ

तथा अपने पालनहार ही की महिमा का वर्णन करो।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 3

وَثِيَابَكَ فَطَهِّرۡ

तथा अपने कपड़े को पवित्र रखो।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 4

وَٱلرُّجۡزَ فَٱهۡجُرۡ

और गंदगी (बुतों) से दूर रहो।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 5

وَلَا تَمۡنُن تَسۡتَكۡثِرُ

तथा उपकार न जताओ (अपनी नेकियों को) अधिक समझ कर।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 6

وَلِرَبِّكَ فَٱصۡبِرۡ

और अपने पालनहार ही के लिए धैर्य से काम लो।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 7

فَإِذَا نُقِرَ فِي ٱلنَّاقُورِ

फिर जब सूर में फूँक[2] मारी जाएगी।

तफ़्सीर:

2. अर्थात प्रलय के दिन।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 8

فَذَٰلِكَ يَوۡمَئِذٖ يَوۡمٌ عَسِيرٌ

तो वह दिन अति भीषण दिन होगा।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 9

عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ غَيۡرُ يَسِيرٖ

काफ़िरों पर आसान न होगा।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 10

नूजलेटर के लिए साइन अप करें