कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِذَا وَقَعَتِ ٱلۡوَاقِعَةُ

जब घटित होने वाली घटित हो जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 1

لَيۡسَ لِوَقۡعَتِهَا كَاذِبَةٌ

उसके घटित होने में कोई झूठ नहीं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 2

خَافِضَةٞ رَّافِعَةٌ

नीचे करने वाली, ऊपर उठाने वाली।[1]

तफ़्सीर:

1. इससे अभिप्राय प्रलय है। जो सत्य के विरोधियों को नीचा करके नरक तक पहुँचाएगी। तथा आज्ञाकारियों को स्वर्ग के ऊँचे स्थान तक पहुँचाएगी। आरंभिक आयतों में प्रलय के होने की चर्चा, फिर उस दिन लोगों के तीन भागों में विभाजित होने का वर्णन किया गया है।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 3

إِذَا رُجَّتِ ٱلۡأَرۡضُ رَجّٗا

जब धरती तेज़ी से हिलाई जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 4

وَبُسَّتِ ٱلۡجِبَالُ بَسّٗا

और पर्वत ख़ूब चूर्ण-विचूर्ण कर दिए जाएँगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 5

فَكَانَتۡ هَبَآءٗ مُّنۢبَثّٗا

तो वे बिखरी हुई धूल हो जाएँगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 6

وَكُنتُمۡ أَزۡوَٰجٗا ثَلَٰثَةٗ

और तुम तीन प्रकार के लोग हो जाओगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 7

فَأَصۡحَٰبُ ٱلۡمَيۡمَنَةِ مَآ أَصۡحَٰبُ ٱلۡمَيۡمَنَةِ

तो दाहिने हाथ वाले, क्या ही अच्छे हैं दाहिने हाथ वाले![2]

तफ़्सीर:

2. दाहिने हाथ वाले से अभिप्राय वे लोग हैं जिनका कर्मपत्र दाहिने हाथ में दिया जाएगा। तथा बाएँ हाथ वाले वे दुराचारी होंगे जिनका कर्मपत्र बाएँ हाथ में दिया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 8

وَأَصۡحَٰبُ ٱلۡمَشۡـَٔمَةِ مَآ أَصۡحَٰبُ ٱلۡمَشۡـَٔمَةِ

और बाएँ हाथ वाले, क्या बुरे हैं बाएँ हाथ वाले!

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 9

وَٱلسَّـٰبِقُونَ ٱلسَّـٰبِقُونَ

और जो पहल करने वाले हैं, वही आगे बढ़ने वाले हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 10

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