कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلَّيۡلِ إِذَا يَغۡشَىٰ

रात की क़सम, जब वह छा जाए।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 1

وَٱلنَّهَارِ إِذَا تَجَلَّىٰ

और दिन की क़सम, जब वह रौशन हो जाए!

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 2

وَمَا خَلَقَ ٱلذَّكَرَ وَٱلۡأُنثَىٰٓ

तथा नर और मादा को पैदा करने की क़सम।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 3

إِنَّ سَعۡيَكُمۡ لَشَتَّىٰ

निःसंदेह तुम्हारे प्रयास विविध हैं।[1]

तफ़्सीर:

1. (1-4) इन आयतों का भावार्थ यह है कि जिस प्रकार रात-दिन तथा नर-मादा (स्त्री-पुरुष) भिन्न हैं, और उनके लक्षण और प्रभाव भी भिन्न हैं, इसी प्रकार मानवजाति (इनसान) के विश्वास, कर्म भी दो भिन्न प्रकार के हैं। और दोनों के प्रभाव और परिणाम भी विभिन्न हैं।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 4

فَأَمَّا مَنۡ أَعۡطَىٰ وَٱتَّقَىٰ

फिर जिसने (दान) दिया और (अवज्ञा से) बचा।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 5

وَصَدَّقَ بِٱلۡحُسۡنَىٰ

और सबसे अच्छी बात को सत्य माना।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 6

فَسَنُيَسِّرُهُۥ لِلۡيُسۡرَىٰ

तो निश्चय हम उसके लिए भलाई को आसान कर देंगे।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 7

وَأَمَّا مَنۢ بَخِلَ وَٱسۡتَغۡنَىٰ

लेकिन वह (व्यक्ति) जिसने कंजूसी की और बेपरवाही बरती।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 8

وَكَذَّبَ بِٱلۡحُسۡنَىٰ

और सबसे अच्छी बात को झुठलाया।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 9

فَسَنُيَسِّرُهُۥ لِلۡعُسۡرَىٰ

तो हम उसके लिए कठिनाई (बुराई का मार्ग) आसान कर देंगे।[2]

तफ़्सीर:

2. (5-10) इन आयतों में दोनों भिन्न कर्मों के प्रभाव का वर्णन है कि कोई अपना धन भलाई में लगाता है तथा अल्लाह से डरता है और भलाई को मानता है। सत्य आस्था, स्वभाव और सत्कर्म का पालन करता है। जिसका प्रभाव यह होता है कि अल्लाह उसके लिए सत्कर्मों का मार्ग सरल कर देता है। और उसमें पाप करने तथा स्वार्थ के लिए अवैध धन अर्जन की भावना नहीं रह जाती। ऐसे व्यक्ति के लिए दोनों लोक में सुख है। दूसरा वह होता है जो धन का लोभी, तथा अल्लाह से निश्न्तचिंत होता है और भलाई को नहीं मानता। जिसका प्रभाव यह होता है कि उसका स्वभाव ऐसा बन जाता है कि उसे बुराई का मार्ग सरल लगने लगता है। तथा अपने स्वार्थ और मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रयास करता है। फिर इस बात को इस वाक्य पर समाप्त कर दिया गया है कि धन के लिए वह जान देता है, परंतु वह उसे अपने साथ लेकर नहीं जाएगा। फिर वह उसके किस काम आएगा?

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 10

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