कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلتِّينِ وَٱلزَّيۡتُونِ

क़सम है अंजीर की! तथा ज़ैतून की!

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 1

وَطُورِ سِينِينَ

एवं "तूरे सीनीन" की क़सम!

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 2

وَهَٰذَا ٱلۡبَلَدِ ٱلۡأَمِينِ

और इस शान्ति वाले नगर की क़सम!

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 3

لَقَدۡ خَلَقۡنَا ٱلۡإِنسَٰنَ فِيٓ أَحۡسَنِ تَقۡوِيمٖ

निःसंदेह हमने इनसान को सबसे अच्छी संरचना में पैदा किया है।

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 4

ثُمَّ رَدَدۡنَٰهُ أَسۡفَلَ سَٰفِلِينَ

फिर हमने उसे सबसे नीची हालत की ओर लौटा दिया।

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 5

إِلَّا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ فَلَهُمۡ أَجۡرٌ غَيۡرُ مَمۡنُونٖ

परंतु जो लोग ईमान लाए तथा उन्होंने सत्कर्म किए, उनके लिए समाप्त न होने वाला बदला है।

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 6

فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعۡدُ بِٱلدِّينِ

फिर (ऐ मनुष्य) तुझे कौन-सी चीज़ बदले (के दिन) को झुठलाने पर आमादा करती है?

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 7

أَلَيۡسَ ٱللَّهُ بِأَحۡكَمِ ٱلۡحَٰكِمِينَ

क्या अल्लाह सब हाकिमों से बड़ा हाकिम नहीं है?

सूरह का नाम : At-Tin   सूरह नंबर : 95   आयत नंबर: 8

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