कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

سَبِّحِ ٱسۡمَ رَبِّكَ ٱلۡأَعۡلَى

अपने सर्वोच्च पालनहार के नाम की पवित्रता का वर्णन करो।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 1

ٱلَّذِي خَلَقَ فَسَوَّىٰ

जिसने पैदा किया और ठीक-ठीक बनाया।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 2

وَٱلَّذِي قَدَّرَ فَهَدَىٰ

और जिसने (हर चीज़ को) अनुमानित किया, फिर मार्ग दिखाया।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 3

وَٱلَّذِيٓ أَخۡرَجَ ٱلۡمَرۡعَىٰ

और जिसने चारा उगाया।[1]

तफ़्सीर:

1. (1-4) इन आयतों में जिस पालनहार ने अपने नाम की पवित्रता का वर्णन करने का आदेश दिया है उसका परिचय दिया गया है कि वह पालनहार है जिसने सभी को पैदा किया, फिर उनको संतुलित किया, और उनके लिए एक विशेष प्रकार का अनुमान बनाया जिसकी सीमा से नहीं निकल सकते, और उनके लिए उस कार्य को पूरा करने की राह दिखाई जिसके लिए उन्हें पैदा किया है।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 4

فَجَعَلَهُۥ غُثَآءً أَحۡوَىٰ

फिर उसे (सुखाकर) काले रंग का कूड़ा बना दिया।[2]

तफ़्सीर:

2. (4-5) इन आयतों में बताया गया है कि प्रत्येक कार्य अनुक्रम से धीरे-धीरे होते हैं। धरती के पौधे धीरे-धीरे गुंजान और हरे-भरे होते हैं। ऐसे ही मानवीय योग्यताएँ भी धीरे-धीरे पूरी होती हैं।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 5

سَنُقۡرِئُكَ فَلَا تَنسَىٰٓ

(ऐ नबी!) हम तुम्हें ऐसा पढ़ाएँगे कि तुम नहीं भूलोगे।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 6

إِلَّا مَا شَآءَ ٱللَّهُۚ إِنَّهُۥ يَعۡلَمُ ٱلۡجَهۡرَ وَمَا يَخۡفَىٰ

परन्तु जो अल्लाह चाहे। निश्चय ही वह खुली बात को जानता है और उस बात को भी जो छिपी हुई है।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 7

وَنُيَسِّرُكَ لِلۡيُسۡرَىٰ

और हम तुम्हारे लिए सरल मार्ग आसान कर देंगे।[3]

तफ़्सीर:

3. (6-8) इनमें नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को यह निर्देश दिया गया है कि इसकी चिंता न करें कि क़ुरआन मुझे कैसे याद होगा, इसे याद कराना हमारा काम है, और इसका सुरक्षित रहना हमारी दया से होगा। और यह उसकी दया और रक्षा है कि इस मानव संसार में किसी धार्मिक ग्रंथ के संबंध में यह दावा नहीं किया जा सकता कि वह सुरक्षित है, यह गौरव केवल क़ुरआन ही को प्राप्त है।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 8

فَذَكِّرۡ إِن نَّفَعَتِ ٱلذِّكۡرَىٰ

तो आप नसीहत करते रहें। अगर नसीहत करना लाभदायक हो।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 9

سَيَذَّكَّرُ مَن يَخۡشَىٰ

वह व्यक्ति उपदेश ग्रहण करेगा, जो डरता है।

सूरह का नाम : Al-A'la   सूरह नंबर : 87   आयत नंबर: 10

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