कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلۡمُرۡسَلَٰتِ عُرۡفٗا

क़सम है उन हवाओं की जो निरंतर भेजी जाती हैं!

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 1

فَٱلۡعَٰصِفَٰتِ عَصۡفٗا

फिर बहुत तेज़ चलने वाली हवाओं की क़सम!

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 2

وَٱلنَّـٰشِرَٰتِ نَشۡرٗا

और बादलों को फैलाने वाली हवाओं[1] की क़सम!

तफ़्सीर:

1. अर्थात जो हवाएँ अल्लाह के आदेशानुसार बादलों को फैलाती हैं।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 3

فَٱلۡفَٰرِقَٰتِ فَرۡقٗا

फिर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाली चीज़[2] के साथ उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

तफ़्सीर:

2. अर्थात सत्यासत्य तथा वैध और अवैध के बीच अंतर करने के लिए आदेश लाते हैं।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 4

فَٱلۡمُلۡقِيَٰتِ ذِكۡرًا

फिर वह़्य[3] लेकर उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

तफ़्सीर:

3. अर्थात जो वह़्य (प्रकाशना) ग्रहण करके उसे रसूलों तक पहुँचाते हैं।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 5

عُذۡرًا أَوۡ نُذۡرًا

उज़्र (बहाना) समाप्त करने या डराने[4] के लिए।

तफ़्सीर:

4. अर्थात ईमान लाने वालों के लिये क्षमा का वचन तथा काफ़िरों के लिये यातना की सूचना लाते हैं।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 6

إِنَّمَا تُوعَدُونَ لَوَٰقِعٞ

निःसंदेह तुमसे जिस चीज़ का वादा किया जाता है, निश्चय वह होकर रहने वाली है।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 7

فَإِذَا ٱلنُّجُومُ طُمِسَتۡ

फिर जब तारे मिटा दिए जाएँगे।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 8

وَإِذَا ٱلسَّمَآءُ فُرِجَتۡ

और जब आकाश फाड़ दिया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 9

وَإِذَا ٱلۡجِبَالُ نُسِفَتۡ

और जब पर्वत उड़ा दिए जाएँगे।

सूरह का नाम : Al-Mursalat   सूरह नंबर : 77   आयत नंबर: 10

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