कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

سَبَّحَ لِلَّهِ مَا فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِي ٱلۡأَرۡضِۖ وَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلۡحَكِيمُ

अल्लाह के पवित्र होने का गान किया, हर उस चीज़ ने जो आकाशों और धरती में है और वही सब पर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 1

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ لِمَ تَقُولُونَ مَا لَا تَفۡعَلُونَ

ऐ ईमान वालो! तुम वह बात क्यों कहते हो जो तुम करते नहीं?

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 2

كَبُرَ مَقۡتًا عِندَ ٱللَّهِ أَن تَقُولُواْ مَا لَا تَفۡعَلُونَ

अल्लाह को अत्यंत अप्रिय है कि तुम वह बात कहो, जो तुम करते नहीं।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 3

إِنَّ ٱللَّهَ يُحِبُّ ٱلَّذِينَ يُقَٰتِلُونَ فِي سَبِيلِهِۦ صَفّٗا كَأَنَّهُم بُنۡيَٰنٞ مَّرۡصُوصٞ

निःसंदेह अल्लाह उन लोगों से प्रेम करता है, जो उसके मार्ग में पंक्तिबद्ध होकर युद्ध करते हैं, गोया वे एक सीसा पिलाई हुई इमारत हैं।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 4

وَإِذۡ قَالَ مُوسَىٰ لِقَوۡمِهِۦ يَٰقَوۡمِ لِمَ تُؤۡذُونَنِي وَقَد تَّعۡلَمُونَ أَنِّي رَسُولُ ٱللَّهِ إِلَيۡكُمۡۖ فَلَمَّا زَاغُوٓاْ أَزَاغَ ٱللَّهُ قُلُوبَهُمۡۚ وَٱللَّهُ لَا يَهۡدِي ٱلۡقَوۡمَ ٱلۡفَٰسِقِينَ

तथा याद करो जब मूसा ने अपनी जाति से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम मुझे क्यों कष्ट देते हो, जबकि निश्चय तुम जानते हो कि मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ? फिर जब वे टेढ़े हो गए, तो अल्लाह ने उनके दिलों को टेढ़ा कर दिया और अल्लाह अवज्ञाकारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 5

وَإِذۡ قَالَ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَ يَٰبَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ إِنِّي رَسُولُ ٱللَّهِ إِلَيۡكُم مُّصَدِّقٗا لِّمَا بَيۡنَ يَدَيَّ مِنَ ٱلتَّوۡرَىٰةِ وَمُبَشِّرَۢا بِرَسُولٖ يَأۡتِي مِنۢ بَعۡدِي ٱسۡمُهُۥٓ أَحۡمَدُۖ فَلَمَّا جَآءَهُم بِٱلۡبَيِّنَٰتِ قَالُواْ هَٰذَا سِحۡرٞ مُّبِينٞ

तथा याद करो जब मरयम के पुत्र ईसा ने कहा : ऐ इसराईल की संतान! निःसंदेह मैं तुम्हारी ओर अल्लाह का रसूल हूँ, उस तौरात की पुष्टि करने वाला हूँ, जो मुझसे पहले आई है तथा एक रसूल की शुभ सूचना देने वाला हूँ, जो मेरे बाद आएगा, जिसका नाम अहमद है। फिर जब वह उनके पास खुले प्रमाणों को लेकर आया, तो उन्होंने कहा यह खुला जादू है।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 6

وَمَنۡ أَظۡلَمُ مِمَّنِ ٱفۡتَرَىٰ عَلَى ٱللَّهِ ٱلۡكَذِبَ وَهُوَ يُدۡعَىٰٓ إِلَى ٱلۡإِسۡلَٰمِۚ وَٱللَّهُ لَا يَهۡدِي ٱلۡقَوۡمَ ٱلظَّـٰلِمِينَ

और उससे अधिक अत्याचारी कौन है, जो अल्लाह पर झूठ गढ़े, जबकि उसे इस्लाम की ओर बुलाया जा रहा हो? और अल्लाह अत्याचारी लोगों को मार्गदर्शन नहीं देता।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 7

يُرِيدُونَ لِيُطۡفِـُٔواْ نُورَ ٱللَّهِ بِأَفۡوَٰهِهِمۡ وَٱللَّهُ مُتِمُّ نُورِهِۦ وَلَوۡ كَرِهَ ٱلۡكَٰفِرُونَ

वे चाहते हैं कि अल्लाह के प्रकाश को अपने मुँहों से बुझा दें तथा अल्लाह अपने प्रकाश को पूरा करने वाला है, यद्यपि काफ़िरों को बुरा लगे।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 8

هُوَ ٱلَّذِيٓ أَرۡسَلَ رَسُولَهُۥ بِٱلۡهُدَىٰ وَدِينِ ٱلۡحَقِّ لِيُظۡهِرَهُۥ عَلَى ٱلدِّينِ كُلِّهِۦ وَلَوۡ كَرِهَ ٱلۡمُشۡرِكُونَ

वही है, जिसने अपने रसूल को मार्गदर्शन तथा सत्धर्म (इस्लाम) के साथ भेजा, ताकि वह उसे प्रत्येक धर्म पर प्रभुत्व प्रदान करे, यद्यपि मुश्रिकों को बुरा लगे।

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 9

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ هَلۡ أَدُلُّكُمۡ عَلَىٰ تِجَٰرَةٖ تُنجِيكُم مِّنۡ عَذَابٍ أَلِيمٖ

ऐ ईमान वालो! क्या मैं तुम्हें ऐसा व्यापार बताऊँ, जो तुम्हें दर्दनाक यातना से बचा ले?

सूरह का नाम : As-Saff   सूरह नंबर : 61   आयत नंबर: 10

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