कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

عَمَّ يَتَسَآءَلُونَ

वे आपस में किस चीज़ के विषय में प्रश्न कर रहे हैं?

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 1

عَنِ ٱلنَّبَإِ ٱلۡعَظِيمِ

बहुत बड़ी सूचना के विषय में।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 2

ٱلَّذِي هُمۡ فِيهِ مُخۡتَلِفُونَ

जिसमें वे मतभेद करने वाले हैं।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 3

كَلَّا سَيَعۡلَمُونَ

हरगिज़ नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 4

ثُمَّ كَلَّا سَيَعۡلَمُونَ

फिर हरगिज़ नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।[1]

तफ़्सीर:

1. (1-5) इन आयतों में उनको धिक्कारा गया है, जो प्रलय की हँसी उड़ाते हैं। जैसे उनके लिए प्रलय की सूचना किसी गंभीर चिंता के योग्य नहीं। परंतु वह दिन दूर नहीं जब प्रलय उनके आगे आ जाएगी और वे विश्व विधाता के सामने उत्तरदायित्व के लिए उपस्थित होंगे।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 5

أَلَمۡ نَجۡعَلِ ٱلۡأَرۡضَ مِهَٰدٗا

क्या हमने धरती को बिछौना नहीं बनाया?

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 6

وَٱلۡجِبَالَ أَوۡتَادٗا

और पर्वतों को मेखें?

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 7

وَخَلَقۡنَٰكُمۡ أَزۡوَٰجٗا

तथा हमने तुम्हें जोड़े-जोड़े पैदा किया।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 8

وَجَعَلۡنَا نَوۡمَكُمۡ سُبَاتٗا

तथा हमने तुम्हारी नींद को आराम (का साधन) बनाया।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 9

وَجَعَلۡنَا ٱلَّيۡلَ لِبَاسٗا

और हमने रात को आवरण बनाया।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 10

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