लिप्यंतरण:( Fail lam taf'aloo wa lan taf'aloo fattaqun Naaral latee waqooduhan naasu walhijaaratu u'iddat lilkaafireen )
24. लेकिन अगर तुम ऐसा न कर सको — और यक़ीनन तुम ऐसा नहीं कर सकोगे [45] —
तो बच जाओ उस आग से जिसका ईंधन इंसान और पत्थर हैं [46],
जो काफ़िरों के लिए तैयार की गई है।
👉 अल्लाह कह रहा है:
"अगर न कर सको — और तुम कर ही नहीं सकोगे",
यह साबित करता है कि
इंसान कभी भी क़ुरआन जैसी एक सूरह भी नहीं बना सकता,
क्योंकि यह इलाही किताब है।
👉 जहन्नम की आग का ईंधन होगा:
👉 ये पत्थर वो मूर्तियाँ हैं जिनकी उन्होंने पूजा की —
सूरज, चाँद, सितारे, दरख़्त, जानवर आदि।
अब वही चीज़ें ज़िल्लत बन जाएँगी, और आग का ईंधन बनेंगी।
👉 ध्यान दें:
हजरे असवद (काबा का काला पत्थर),
मक़ाम-ए-इब्राहीम जैसे मुबारक पत्थर —
इनसे मुराद नहीं है। ये जन्नती पत्थर हैं।
👉 इसी तरह हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम,
या उज़ैर अलैहिस्सलाम, जिन्हें लोगों ने गलत तरीके से पूज लिया —
वो शिर्क से पाक हैं, और जन्नती हैं।
👉 एक और अहम बात:
"जो आग तैयार की गई है" — यह दिखाता है कि
जहन्नम अभी से मौजूद है, कोई कल्पना नहीं।
👉 काफ़िर हमेशा के लिए उस आग में रहेंगे,
जबकि मोमिन अगर किसी गुनाह के कारण जाएं,
तो एक दिन निकल आएँगे।
नतीजा:
यह आयत इलाही चुनौती, क़ुरआन की अज़मत,
और काफ़िरों के लिए चेतावनी का जोरदार बयान है।
The tafsir of Surah Baqarah verse 24 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 23 which provides the complete commentary from verse 23 through 24.
सूरा आयत 24 तफ़सीर (टिप्पणी)