Quran Quote  : 

कुरान मजीद-7:149 सुरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَمَّا سُقِطَ فِيٓ أَيۡدِيهِمۡ وَرَأَوۡاْ أَنَّهُمۡ قَدۡ ضَلُّواْ قَالُواْ لَئِن لَّمۡ يَرۡحَمۡنَا رَبُّنَا وَيَغۡفِرۡ لَنَا لَنَكُونَنَّ مِنَ ٱلۡخَٰسِرِينَ

लिप्यंतरण:( Wa lammaa suqita feee aideehim wa ra aw annahum qad dalloo qaaloo la'il lam yarhamnaa Rabbunaa wa yaghfir lanaa lanakoonanna minal khaasireen )

फिर जब उन्हें अफ़सोस हुआ [326] और उन्होंने जान लिया कि वे गुमराही में पड़ गए हैं, तो उन्होंने कहा:
"अगर हमारा रब हम पर रहमत न करे और हमें माफ़ न कर दे, तो हम ज़रूर हलाक हो जाएँगे।"

सूरा आयत 149 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

📖 सूरा अल-आ‘राफ़ – आयत 149 की तफ़्सीर

✅ [326] तौबा की असल हक़ीक़त

यहाँ "हाथ पर गिर पड़ना" से मुराद है पश्चाताप और अफ़सोस। यही तौबा की असल रूह है —

  • पिछले गुनाहों पर सच्चा अफ़सोस करना
  • और यह इरादा करना कि दुबारा उन गुनाहों की तरफ़ न लौटे।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-A’raf verse 149 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 148 which provides the complete commentary from verse 148 through 149.

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