Quran Quote  : 

कुरान मजीद-6:124 सुरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَإِذَا جَآءَتۡهُمۡ ءَايَةٞ قَالُواْ لَن نُّؤۡمِنَ حَتَّىٰ نُؤۡتَىٰ مِثۡلَ مَآ أُوتِيَ رُسُلُ ٱللَّهِۘ ٱللَّهُ أَعۡلَمُ حَيۡثُ يَجۡعَلُ رِسَالَتَهُۥۗ سَيُصِيبُ ٱلَّذِينَ أَجۡرَمُواْ صَغَارٌ عِندَ ٱللَّهِ وَعَذَابٞ شَدِيدُۢ بِمَا كَانُواْ يَمۡكُرُونَ

लिप्यंतरण:( Wa izaa jaaa'athum Aayatun qaaloo lan nu'mina hatta nu'taa misla maaa ootiya Rusulul laah; Allahu a'alamu haisu yaj'alu Risaalatah; sa yuseebul lazeena ajramoo saghaarun 'indal laahi wa 'azaabun shadeedum bimaa kaanoo yamkuroon )

और इसी तरह, हमने हर शहर में उसके गुनाहगारों के सरदार बना दिए [273], ताकि वे उसमें चालें चलें। वे अपनी चालें सिर्फ़ अपने ही ख़िलाफ़ चलते हैं, लेकिन वे इसे समझते नहीं [274]।

सूरा आयत 124 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

📖 सूरा अल-अनआम – आयत 123 की तफ़्सीर

✅ [273] गुमराह सरदार विनाश का कारण होते हैं

जब सरदार और अमीर लोग गुमराह हो जाते हैं, तो वे अपनी क़ौम में फ़साद फैलाते हैं। अल्लाह ने फ़रमाया: “जब हम किसी बस्ती को हलाक करने का इरादा करते हैं, तो हम उसके अमीरों को हुक्म देते हैं, फिर वे उसमें गुनाह करते हैं” [17:16]। नेक नेतृत्व से समाज में सुधार आता है, लेकिन अक्सर अमीर लोग ऐश-ओ-इशरत और गुनाह में डूबकर बर्बादी का कारण बनते हैं। ग़रीब लोग अक्सर दीन को ज़्यादा कबूल करते हैं।

✅ [274] हक़ के ख़िलाफ़ चालें अपने ही नुक़सान में जाती हैं

क़ुरैश ने कोशिश की कि कोई भी हज़रत मुहम्मद ﷺ तक न पहुँचे, लेकिन इस्लाम और ज़्यादा फैलता गया। उनकी चालें नबी ﷺ को नहीं बल्कि ख़ुद उनके लिए नुक़सानदेह साबित हुईं, और वे समझ भी न सके कि उनका विरोध ही इस्लाम के फैलाव को तेज़ कर रहा है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-Anam verse 124 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 123 which provides the complete commentary from verse 123 through 124.

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