Quran Quote  : 

कुरान मजीद-6:21 सुरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَمَنۡ أَظۡلَمُ مِمَّنِ ٱفۡتَرَىٰ عَلَى ٱللَّهِ كَذِبًا أَوۡ كَذَّبَ بِـَٔايَٰتِهِۦٓۚ إِنَّهُۥ لَا يُفۡلِحُ ٱلظَّـٰلِمُونَ

लिप्यंतरण:( Wa man azlamu mim manif tara 'alal laahi kaziban aw kazzaba bi Aayaatih; innahoo laa yuflihuz zaalimoon )

और उस शख़्स से बढ़कर ज़ालिम कौन हो सकता है जो अल्लाह पर झूठ बाँधे [43], या उसकी आयतों को झुटलाए? बेशक, ज़ालिम लोग कभी फ़लाह नहीं पाएंगे।

सूरा आयत 21 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

📖 सूरा अल-अनआम – आयत 21 की तफ़्सीर

✅ [43] सबसे बड़ा ज़ुल्म

सबसे बड़ा अन्याय यह है कि कोई अल्लाह पर झूठ बाँधे
यानि कोई ऐसी बात को अल्लाह का फ़रमान कहे जो उसने नाज़िल ही नहीं की
इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो क़ुरआन की जानबूझकर ग़लत तफ़्सीर करते हैं,
ख़ासकर वे उलमा जो निजी या फिरक़ावाराना फ़ायदे के लिए अर्थ बिगाड़ते हैं।
ऐसा झूठ गढ़ना बहुत बड़ा गुनाह है,
और ऐसे ज़ालिमों के लिए न इस दुनिया में कामयाबी है, न आख़िरत में।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-Anam verse 21 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 17 which provides the complete commentary from verse 17 through 21.

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