लिप्यंतरण:( Wa Huwal lazee khalaqas samaawaati wal arda bilhaqq; wa Yawma yaqoolu kun fa yakoon; Qawluhul haqq; wa lahul mulku Yawma yunfakhu fis Soor; 'Aalimul Ghaibi wash shahaadah; wa Huwal Hakeemul Khabeer )
और वही है जिसने आसमानों और ज़मीन को हक़ के साथ पैदा किया। और जिस दिन वह कहेगा "हो जा" तो वह हो जाएगी [146]। उसका कहना हक़ है, और उसी की बादशाही होगी जिस दिन सूर फूँका जाएगा [147]। वह ग़ैब और हाज़िर को जानने वाला है, और वह हिकमत वाला, ख़बर रखने वाला है [148]।
अल्लाह ने आसमान और ज़मीन को बिना मक़सद नहीं, बल्कि हिकमत और मुकम्मल तदबीर के साथ पैदा किया। उसका हुक्म "हो जा" किसी लफ़्ज़ी आवाज़ का नाम नहीं, बल्कि उसका इरादा है, जिससे कोई चीज़ फ़ौरन पैदा हो जाती है।
दुनिया की ज़िंदगी में हर चीज़ का धीरे-धीरे होना तय है, मगर क़ियामत के दिन सिर्फ़ अल्लाह का इरादा काफी होगा और सूर फूँकते ही सब फ़ौरन ज़िंदा कर दिए जाएँगे।
जब सूर दुबारा फूँका जाएगा, सबको पुनः ज़िंदा किया जाएगा, और दुनिया के सारे हुक्मरान बेअसर हो जाएँगे। असली हुकूमत सिर्फ़ अल्लाह की होगी, जो ग़ैब और हाज़िर दोनों को पूरा जानने वाला और हिकमत से हुक्म देने वाला है।
The tafsir of Surah Al-Anam verse 73 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 71 which provides the complete commentary from verse 71 through 73.

सूरा आयत 73 तफ़सीर (टिप्पणी)