Quran Quote  : 

कुरान मजीद-6:47 सुरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

قُلۡ أَرَءَيۡتَكُمۡ إِنۡ أَتَىٰكُمۡ عَذَابُ ٱللَّهِ بَغۡتَةً أَوۡ جَهۡرَةً هَلۡ يُهۡلَكُ إِلَّا ٱلۡقَوۡمُ ٱلظَّـٰلِمُونَ

लिप्यंतरण:( Qul ara'aitakum in ataakum 'azaabul laahi baghtatan aw jahratan hal yuhlaku illal qawmuz zaalimoon )

कहो (ऐ नबी), “क्या तुमने सोचा है कि अगर अल्लाह का अज़ाब तुम पर अचानक या खुले तौर पर आ जाए, तो क्या ज़ालिमों के सिवा कोई और हलाक किया जाएगा?” [93]

सूरा आयत 47 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

📖 सूरा अल-अनआम – आयत 47 की तफ़्सीर

✅ [93] अल्लाह का अज़ाब सिर्फ़ ज़ालिमों को निशाना बनाता है

इस आयत में "ज़ालिम" से मुराद काफ़िर और हक़ को झुटलाने वाले हैं।

  • चाहे अज़ाब अचानक आए (जैसे एक झटके में मौत) या खुले तौर पर (जैसे तूफ़ान, ज़लज़ला, वग़ैरह) — वह सिर्फ़ हक़ के इंकार करने वालों को ही हलाक करता है
  • अगर इस अज़ाब में कोई बेगुनाह मोमिन या जानवर भी मारा जाए, तो वह उनके लिए अज़ाब नहीं बल्कि अज्र और रफ़अत (उन्नति) का ज़रिया होता है।

हदीसों के मुताबिक़, अगर किसी मोमिन को ऐसे अज़ाब में मौत आए, तो वह शहादत के दर्जे में होता है।

  • यह आयत ज़ाहिरी (visible) अज़ाब का ज़िक्र कर रही है — जैसे वो जो क़ौमें तबाह हो गईं (क़ौमे नूह, क़ौमे आद, वग़ैरह)।
  • जबकि छुपे हुए अज़ाब, जैसे भूख, बीमारी, तबाही, ये भी अल्लाह की मर्ज़ी से होते हैं और उनमें भी हिकमत छुपी होती है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-Anam verse 47 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 46 which provides the complete commentary from verse 46 through 49.

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