लिप्यंतरण:( Wa Huwal qaahiru fawqa 'ibaadih; wa Huwal Hakeemul Khabeer )
और वह अपने बंदों पर ग़ालिब है [35],
और वह बड़ी हिकमत वाला, हर चीज़ से ख़बर रखने वाला है।
यह आयत इस हकीकत को बयान करती है कि
हर बंदा — चाहे ज़मीन पर हो या आसमान में,
अल्लाह की हुकूमत और क़ुदरत के नीचे है।
➡️ कोई भी अल्लाह की मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता।
➡️ वो दुआएँ जो वली और नेक लोग करते हैं,
उनसे कोई चीज़ अल्लाह के हुक्म के बग़ैर हासिल नहीं होती।
असल देने वाला सिर्फ अल्लाह ही है।
The tafsir of Surah Al-Anam verse 18 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 17 which provides the complete commentary from verse 17 through 21.

सूरा आयत 18 तफ़सीर (टिप्पणी)